रेपिस्ट पिता, मां लापता...कहां जाएं ये दोनों बच्चे
अरविंद चौहान, आगरा कहते हैं कि मासूमियत के आगे तो खुदा भी झुक जाता है लेकिन यूपी के आगरा के दो भाइयों के साथ तकदीर ने इतना बुरा खेल खेला है कि जो सुनेगा, वह रो देगा। मां 2013 से लापता है और पिता को रेप मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद मौत की सजा सुनाई गई है। खुद इन बच्चों को भी नहीं मालूम कि आखिर इनसे कौन सी ऐसी गलती हो गई जो किस्मत इतनी रूठ गई है। आगरा-ग्वालियर हाइवे पर रद्दी के माल पर बैठे हुए दो भाई शायद यही सोच रहे हैं। साथ ही एक पिक अप ट्रक की बाह जोट रहे हैं जो इनके 'कीमती' सामान के बदले 70 रुपये देगा। इनमें से बड़े भाई ने बताया, 'हम रद्दी का माल बेचकर मिली कमाई को पूनम (बदला हुआ नाम) आंटी के पास जमा कराएंगे। वह हमें खाना देती हैं और इन पैसों से हमें सर्दियों के लिए कंबल खरीदकर देंगी।' पूनम इन बच्चों की पड़ोसी रह चुकी हैं और अब इनके लिए पूरा परिवार बन चुकी हैं। इन बच्चों की मां 2013 में लापता हो गई थी जिनका अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है और इनके पिता को मौत की सजा मिलने वाली है। बच्चों के पिता ने दो साल पहले अपनी ही 6 साल की बेटी के साथ रेप करके उसे मार दिया था। पिता को मौत की सजा दिलाने में गवाह बने बच्चे 19 सितंबर 2019 को उसे मृत्युदंड सुनाया गया और इसी के साथ वह संशोधित पॉक्सो ऐक्ट के तहत मौत की सजा पाने वाला यूपी का पहला दोषी बन गया है। इस मामले में इन दोनों बच्चों को ही कोर्ट में गवाह के रूप में पेश किया गया था जिनके बयान की बदौलत उनके पिता को जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा सुनाई गई। पिता ने रद्दी माल के धंधे में धकेला कभी पढ़-लिखकर भविष्य में कुछ बड़ा करने का सपना देखने वाले इन बच्चों को आज भविष्य का जरा सा भी तकाजा तक नहीं है। 13 और 8 साल की उम्र के इन भाइयों बच्चों को इनके पिता ने ही रद्दी माल के धंधे में धकेला था। अब यही इनके जीवन का जरिया बन चुका है और इनकी पूर्व पड़ोसी इनकी भूचाल से भरी जिंदगी का आसरा। मां के लापता होने के बाद बच्चों को पीटता था पिता इनमें से बड़े भाई ने बताया, 'जिंदगी हमारे लिए बहुत निर्दयी रही, हमें नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा।' उसने आगे बताया, 'वह (बहन) हमसे से सबसे खुशहाल थी। रेप और हत्या से कुछ घंटे पहले उसने एक नई ड्रेस पहनी थी और बेहद खुश थी। अगली सुबह हमने उसका खून से सना हुआ शरीर देखा।' बच्चों ने बताया, '2013 में दिल्ली में मां के लापता हो जाने के बाद पापा बहुत गुस्सैल हो गए थे। जब हम खाना मांगते तो वह हमें और छोटी बहन को पीटते थे। उन्होंने हमें स्कूल भेजने के बजाय रद्दी इकट्ठा करने और बेचने के लिए मजबूर किया। बाद में हमारी कमाई छीनकर उसे ड्रग्स खरीदकर उसका सेवन करते थे।' 25 नवंबर 2017 की वह काली रात 25 नवंबर 2017 की उस काली रात को याद करते हुए वे बताते हैं, 'उस रात करीब 2 बजे हमारी बहन अचानक उठी और सीने व जांघ में दर्द की शिकायत की। वह पापा के पास सो रही थी। कुछ मिनट बाद, पापा उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाने की बात कहकर बाहर गए लेकिन अगले दिन हमें उसका शव मिला। उन्होंने पहले भी इस तरह की कोशिश की थी लेकिन पड़ोसियों ने उन्हें पकड़कर फटकार लगाई थी।' पूर्व पड़ोसी ने दिया बेसहारा बच्चों को सहारा कहते हैं न जिसका कोई नहीं, उसका खुदा होता है... पिता को मौत की सजा सुनाए जाने के कुछ दिन बाद पूनम ने बच्चों को खुले में सोता देखा। वह उन्हें अपने घर ले आई। पूनम आगरा-ग्वालियर हाइवे स्थित सैयां टोल प्लाजा के पास स्थित छोटे से घर में अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती है। अब ये बेसहारा बच्चे भी पूनम के साथ ही रहते हैं। बच्चों को है मदद की दरकार पूनम ने बताया, 'कुछ दिन पहले मैंने देखा कि एक ग्रॉसरी दुकान का मालिक दोनों बच्चों को पीट रहा है। मैं उन्हें बचाकर अपने साथ ले आई। बच्चे अपने कमाए हुए पैसे लाकर मुझे देते हैं जिनसे मैं उनके लिए खाना खरीदती हूं और बाकी बचे पैसों से उनके लिए कंबल खरीदूंगी। हम चाहते हैं कि कोई इन बच्चों की मदद करे।' जिला सरकारी काउंसल (क्राइम) बसंत गुप्ता ने बताया, 'राज्य सरकार को इन बच्चों के भविष्य के लिए कुछ व्यवस्था करनी चाहिए। उनके महत्वपूर्ण बयान की वजह से ही उनके पिता को मौत की सजा सुनाई गई है।' (डिस्क्लेमर: सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार इस खबर में पीड़ित की निजता का सम्मान करते हुए उनकी पहचान उजागर नहीं की गई है।)
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रेपिस्ट पिता, मां लापता...कहां जाएं ये दोनों बच्चे
Reviewed by Fast True News
on
September 28, 2019
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