ads

अयोध्या: जज बोले, हिंदू आस्था पर सवाल कैसे?

नई दिल्लीअयोध्या के राम मंदिर बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने दलील दी कि हम भगवान राम का सम्मान करते हैं। जन्मस्थान का सम्मान करते हैं इस देश में अगर राम और अल्लाह का सम्मान नहीं होगा तो देश खत्म हो जाएगा। ये देश विविधताओं वाला देश है। दुनिया का कोई देश इतनी विविधता वाला नहीं है। तमाम वर्गों से बने इस देश का स्वर्णिम इतिहास है। लेकिन विवाद भगवान के जन्मस्थान को लेकर है कि आखिर जन्मस्थान कहां हैं। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच में 29वें दिन मामले की सुनवाई हुई। सोमवार को शाम चार बजे के बजाय 5 बजे तक सुनवाई चली। अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। जानें, मुस्लिम पक्ष की क्या रहीं दलीलें... सुन्नी वक्फ बोर्ड (मुस्लिम पक्षकार) के वकील राजीव धवन: धर्म शास्त्र के बारे में खुद से परिकल्पना नहीं की जा सकती है ये गलत होगा। जन्मस्थान की दलील विश्वास और आस्था पर आधारित है और अगर इस दलील को स्वीकार कर लिया गया तो इसका व्यापक असर होगा। वैदिक काल में सूर्य, नदी, पेड़ आदि की पूजा होती थी। उनकी (हिंदू पक्षकार की दलील) दलील है कि ये तमाम चीजें न्यायिक व्यक्तित्व हैं। ये न्यायिक व्यक्तित्व की बात नहीं है बल्कि आदर का भाव है। राजीव धवन: इस मामले में राम लला विराजमान का इरादा ही था कि विवादित स्थल पर कब्जा किया जाए और पुराने स्ट्रक्चर को तोड़ा गया ताकि नया मंदिर बने और दूसरे के शेबियत (मैनेजमेंट के अधिकार) को खत्म किया जाए। जस्टिस अशोक भूषण: महाकाव्यों में जन्मस्थान के बारे में है। मूर्ति अलग अवधारणा है। स्वयंभू जन्मस्थान से अलग अवधारणा है। पढ़ें, जस्टिस एसए बोबडे: कानूनी इकाई के साथ क्या देवता के पहलू को देखने की आवश्यकता है तो बताएं। राजीव धवन: धर्म शास्त्र की खुद से रचना नहीं की जा सकती है। समाज के परिवर्तन के लिए संविधान परिवर्तन की जरूरत नहीं है। मोदी (पीएम मोदी) भी कहते हैं कि देश बदल रहा है, लेकिन इसके लिए संविधान बदलने की जरूरत नहीं है। राजीव धवन: हिंदू पक्षकारों की दलील है कि भगवान राम वहां पैदा हुए थे। लेकिन जगह के बारे में उल्लेख नहीं है। राम के वहां जन्म के बारे में दलील है। पर क्या जन्मस्थान न्यायिक व्यक्तित्व हो सकता है। 1989 से पहले किसी भी ऐसे न्यायिक व्यक्ति के बारे में दलील नहीं थी। राजीव धवन: यहां देवत्व की महत्ता है। हमारी दलील है कि पूरी की पूरी जमीन जन्मस्थान कैसे हो सकती है। हिंदू पक्षकार का ये दावा है लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। जन्मस्थान तो एक निश्चित जगह पर हो सकता है पूरा इलाका कैसे हो सकता है। अयोध्या: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़: अयोध्या के मामले में हिंदुओं के आस्था पर कैसे सवाल उठाया जा सकता है। ये मुश्किल है। एक मुस्लिम गवाह का बयान है कि हिंदुओं के लिए अयोध्या वैसे ही है जैसे मुस्लिमों के लिए मक्का का स्थान है। राजीव धवन: हम भगवान राम का सम्मान करते हैं। जन्मस्थान का सम्मान करते हैं इस देश में अगर राम और अल्लाह का सम्मान नहीं होगा तो देश खत्म हो जाएगा। ये देश विविधताओं वाला देश है। दुनिया का कोई देश इतनी विविधता वाला नहीं है। राजीव धवन: हम परिक्रमा के विषय पर आते हैं। क्या किसी जगह पर परिक्रमा करने से उस जगह का मालिकाना हक तय किया जा सकता है। मेरा मानना है कि परिक्रमा पूजा का एक प्रकार है। वहां कुछ गवाहों ने कहा कि वह पंच कोसी की परिक्रमा करता था। कुछ ने कहा कि वह 14 कोसों की परिक्रमा करता था। कुछ ने कहा था कि चबूतरे की परिक्रमा करते थे। अलग-अलग गवाहों के अलग अलग बयान हैं और कुछ ने तो ये भी कहा था कि वह दक्षिण दिशा में परिक्रमा करते थे। मेरा मत है कि परिक्रमा के मामले में अलग-अलग बयान हैं और इस आधार पर जमीन से देवता के संबंध स्थापित नहीं किए जा सकते। राजीव धवन: बीच वाले गुंबद के नीचे कुछ हिंदुओं ने मूर्ति रख दी और ये 1949 में किया गया । क्या इस तरह से मूर्ति रखने के हिंदू पक्षकारों का वहां की जमीन पर पोजेशन का दावा हो सकता है? मालिकाना हक के खिलाफ इनका कब्जा रहा है। प्रत्येक मूर्ति भी न्यायिक व्यक्ति नहीं हो सकता। राजीव धवन: एक बार जहां मस्जिद बना दी जाती है वह हमेशा मस्जिद रहती है उसे हटाया नहीं जा सकता है। हिंदू पक्षकारों का कभी भी बीच वाले यानी भीतरी आंगन पर कब्जा नहीं रहा था। राजीव धवन: हम ये कहना चाहते हैं कि जो भी शासक रहा हो या जो भी उसने धर्म का उल्लंघन किया हो लेकिन आखिर में संविधान के पैमाने से इसे देखा जाएगा। राजीव धवन: (फिराक गोरखपुरी का शेर पढ़ते हुए) सरजमीने हिंद अकवामें आलम के फिराक, काफिले बसते गए हिंदोस्तां बनता गया। राजीव धवन: भारत तमाम वर्गों से बना है और इसका स्वर्णिम इतिहास है। लेकिन इसे कुछ लोग खास विचारधारा में रखना चाहते हैं।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2mdtEGH
अयोध्या: जज बोले, हिंदू आस्था पर सवाल कैसे? अयोध्या: जज बोले, हिंदू आस्था पर सवाल कैसे? Reviewed by Fast True News on September 23, 2019 Rating: 5

No comments:

ads
Powered by Blogger.