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कश्मीर में 370: कौन पार्टी साथ, कौन खिलाफ

नई दिल्ली देश के संविधान से अुच्छेद 370 हटाने के सरकार के फैसले पर राज्यसभा में बहस हो रही है। बहस में भाग लेने वाले ज्यादातर राजनीतिक दलों ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। तमिलनाडु की एआईएडीएमके, ओड़िशा की बीजू जनता दल, महाराष्ट्र की शिवसेना, उत्तर प्रदेश की बीएसपी, आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस, दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार प्रदान करने वाली संविधान की इस अुच्छेद को हटाने का समर्थन किया। हालांकि, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सपीआईएम) और बिहार की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), तमिलनाडु की एमडीएमके, डीएमके ने इसका कड़ा विरोध किया। ये नेता जब सदन में बोल रहे थे, तो विरोध कर रहे सांसद शोर-शराबे में मशगूल थे। बीजेडी का समर्थन बीजू जनता दल ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के संकल्प का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि 'जम्मू कश्मीर सही मायनों में आज भारत का अभिन्न अंग बना है।' पार्टी सांसद प्रसन्न आचार्य ने कहा कि इस फैसले से भारत माता की ताकत बढ़ी है।' उन्होंने कहा, 'हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब पाकिस्तान के अधीन वाले कश्मीर के हिस्से को भारत में मिलाया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'हम भले ही क्षेत्रीय दल हैं और क्षेत्रीय आकांक्षाएं रखते हैं किंतु जब देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा की बात हो तो हम पूरे देश के साथ हैं।' आचार्य ने कहा, 'इस इस संकल्प का स्वागत करते हैं। जम्मू कश्मीर सही मायनों में आज भारत का अभिन्न अंग बना है।' आचार्य ने संकल्प के विरोध में सदन में कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा किए गए प्रदर्शन को संविधान विरोधी करार देते हुए इसकी भर्त्सना की। अन्नाद्रमुक ने भी अनुच्छेद 370 हटाने संबंधी संकल्प तथा राज्य पुनर्गठन विधेयक का समर्थन किया । अन्नाद्रमुक के नेता ए नवनीत कृष्णन ने कहा कि उनकी पार्टी इसका समर्थन करती है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की दिवंगत नेता जे जयललिता देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने की पक्षधर थीं। बीएसपी भी सरकार के साथ वहीं, बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि चूंकि अुच्छेद 370 खत्म होने से पूरे देश के मुस्लिमों को जम्मू-कश्मीर में बसने और वहां प्रॉपर्टी बनाने का अधिकार होगा, इसलिए पार्टी प्रमुख मायावती ने इसका समर्थन करने का फैसला किया। मिश्रा ने कहा, 'हमने पहले भी कहा था कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं। इसका कुछ कारण बताना चाहते हैं। सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही माइनॉरिटी कम्यूनिटी के लोग नहीं रहते हैं। मुस्लिम कम्यूनिटी जितनी जम्मू-कश्मीर में रहती है, उससे कहीं ज्यादा तादाद में पूरे देश में रहती है। लेकिन, जम्मू-कश्मीर में अपनी प्रॉपर्टी बनाएं, वहां के वाशिंदे बनें, उनका यह हक अभी तक छिना हुआ था। लेकिन, अब देशभर के मुस्लिमों, दलितों, पिछड़ों को यह हक मिल गया कि वे जम्मू-कश्मीर में बस पाएंगे और वहां अपनी प्रॉपर्टी बना पाएंगे।' कहा था हाथ जल जाएगा, जला कर देखें: शिवसेना शिवसेना ने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि सही मायने में जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय आज ही हुआ। पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा, 'जो 70 साल से लटका पड़ा था, आज उस पर फैसला लेकर बहुत बड़ा निर्णय लिया गया। 1947 में नहीं, सही मायने में आज ही जम्मू-कश्मीर का विलय हुआ है।' उन्होंने पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती की धमकियों का भी जिक्र किया और उन्हें चुनौती दी कि जो करना है, करके दिखाएं। उन्होंने कहा, 'कहा गया अुच्छेद 370 को छूने वाले हाथ जल जाएंगे, जलाइए। आज से धमकी की भाषा खत्म होनी चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी यहां क्यों बैठे हैं।' कश्मीर में खुशहाली आएगी: केजरीवाल वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अुच्छेद 370 हटाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'हम जेऐंडके पर सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं। उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और खुशहाली आएगी।' AIADMK, YSRCP का समर्थन एआईएडीएमके सांसद ए नवनीतकृष्णन ने पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए सारे विधेयकों का समर्थन कर रही है। उन्होंने संविधान की अुच्छेद 370 के खंड 2 और खंड 3 का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार का फैसला पूर्णतः संवैधानिक है। वाईएसआरसीपी के सांसद वी. विजयसाई रेड्डी ने सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि अुच्छेद 370 वर्षों से देश को चुभ रही थी। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब जम्मू-कश्मीर की समस्या का पूर्ण समाधान हो जाएगा। असम के राजनीतिक दल बीपीएफ के राज्यसभा सांसद विश्वजीत दैमारी ने आर्टिकल 370 हटाने को जम्मू-कश्मीर और देश की सुरक्षा से जोड़ा और कहा कि यह उस राज्य के साथ-साथ देश के लिए भी जरूरी था। कश्मीरियों का भरोसा तोड़ दिया: कांग्रेस राज्यसभा में कांग्रेस की तरफ से मोर्चा संभालते हुए सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आज देश से एक राज्य खत्म हो गया। देश में 29 राज्य हुआ करते थे, लेकिन अब 28 रह गए क्योंकि जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश हो गया है। उन्होंने कहा, 'जिस दिन भी यह कानून पास होगा, वह देश के लोकतंत्र का काला दिन होगा।' पहले जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति हुआ करते थे, हमने वहां मुख्यमंत्री और राज्यपाल बनाया और आपने उन्हें लेफ्टिनेंट गवर्नर लाकर खत्म किया। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान से हुई लड़ाइयों में कश्मीरियों ने भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया। उन्होंने कहा, 'अगर इन लड़ाइयों में हमें सफलता मिली तो उसका कारण कश्मीरियों का साथ मिलना था। जब तक कश्मीरी सही इनपुट नहीं देंगे, चप्पे-चप्पे की जानकारी नहीं देंगे तब तक वहां कोई लड़ाई जीतना नामुमकिन है।' आजाद ने कहा अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना को मुंह की खानी पड़ी क्योंकि वहां उसे स्थानीय लोगों का साथ नहीं मिला। फिलिस्तीन बनेगा कश्मीर: आरजेडी आरजेडी ने संविधानी की अुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय का इतिहास जानते हैं। उन्होंने 1956 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और फिर 1966 में इंदिरा गांधी को लिखी जयप्रकाश नारायण की चिट्ठियां पढ़ीं और कहा कि कश्मीर समस्या केंद्र सरकार की गलतियों की उपज है। उन्होंने कहा कि आज कश्मीर को फिलिस्तीन बनाने का फैसला हुआ। बीजेपी ने संविधान के खिलाफ काम किया: CPI(M) सीपीआई(एम) ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए इसे गैर-संवैधानिक करार दिया। पार्टी सांसद टीके रंगराजन ने कहा कि हमारी पार्टी ने चुनाव से पहले ही कहा था कि बीजेपी-आरएसएस संविधान को खत्म कर देंगे। आज वही हुआ। उन्होंने कहा, 'आपने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा भंग कर दी, वहां राज्यपाल शासन लगा दिया, 35 हजार अर्धसैनिक बल भेज दिए, कल आप कुछ भी कर सकते हैं। आप किसी भी राज्य को टुकड़ों में बांट सकते हैं।'


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कश्मीर में 370: कौन पार्टी साथ, कौन खिलाफ कश्मीर में 370: कौन पार्टी साथ, कौन खिलाफ Reviewed by Fast True News on August 05, 2019 Rating: 5

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