ads

3 तलाक, 370 के बाद अब यूनिफॉर्म सिविल कोड?

नई दिल्ली लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि जीतने पर जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया जाएगा। हालांकि, शायद ही किसी ने सोचा हो कि इतनी जल्दी इतना जरूरी फैसला कर लिया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि कुछ वक्त पहले ही संसद ने तीन तलाक को अपराध घोषित करने वाला बिल भी पारित कर लिया है। ऐसे में आर्टिकल 370 हटने के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की कोशिश भी कर सकती है। गौरतलब है कि अपने पहले कार्यकाल से ही केंद्र की बीजेपी सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की कोशिश कर चुकी है। हालांकि, बाकी दोनों विधेयकों की तरह यूनिफॉर्म सिविल कोड को भी काफी विरोध और विवाद का सामना करना पड़ा। अब जब एक बार फिर इसे लेकर सुगबुगाहट होने लगी है, जानते हैं कि आखिर है क्या यूनिफॉर्म सिविल कोड... क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता का मतलब है, भारत के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक (सिविल) कानून। ऐसे कानून दुनिया के अधिकतर विकसित देशों में लागू हैं। हालांकि, भारत में भारत में अलग-अलग धर्मों के रीति-रिवाज और परंपरा के आधार पर बने कई पर्सनल लॉ हैं। ये पर्सनल लॉ शादी, तलाक, विरासत और गुजारा भत्ता जैसे मामलों में लागू होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 44 के मुताबिक सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कराने का प्रयास करेगी लेकिन इसे लागू करना उसके लिए बाध्यकारी नहीं है। आजादी के बाद न्यायपालिका या विधायिका के जरिए कई बदलाव आए। जैसे हिंदू महिलाओं को हाल में बहुत से अधिकार अलग-अलग कानूनों के जरिए मिले, जिनमें कुछ इस्लाम और ईसाइयत में पहले से मौजूद थे। अलग-अलग पर्सनल लॉ ऐडवोकेट एमएस खान ने बताया था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत अगर बात की जाए तो नियम है कि 3 बार तलाक, तलाक, तलाक कहने से तलाक दिया जा सकता है। नियम के तहत निकाह के वक्त मेहर की रकम तय की जाती है। तलाक के बाद मुस्लिम पुरुष तुरंत शादी कर सकता है लेकिन महिला को 4 महीने 10 दिन तक यानी इद्दत पीरियड तक इंतजार करना होता है। हिंदू मैरिज ऐक्ट के तहत हिंदू कपल शादी के 12 महीने बाद तलाक की अर्जी आपसी सहमति से डाल सकते हैं। अगर पति को असाध्य रोग जैसे एड्स आदि हो या वह संबंध बनाने में अक्षम हो तो शादी के तुरंत बाद तलाक की अर्जी दाखिल की जा सकती है। क्रिश्चियन कपल शादी के 2 साल बाद तलाक की अर्जी दाखिल कर सकते हैं। उससे पहले नहीं। यानी हिंदू, मुस्लिम और ईसाई के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ है।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/2GPNlf8
3 तलाक, 370 के बाद अब यूनिफॉर्म सिविल कोड? 3 तलाक, 370 के बाद अब यूनिफॉर्म सिविल कोड? Reviewed by Fast True News on August 06, 2019 Rating: 5

No comments:

ads
Powered by Blogger.