भ्रष्टाचार का आरोप, 22 अधिकारियों की छुट्टी
नई दिल्ली सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज ऐंड कस्टम्स (सीबीआईसी) ने अपने और 22 वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। जबरन रिटायर किए गए ये सारे अधिकारी सुपरिन्टेंडेंट या एओ लेवल के हैं। उन्हें फंडमेंटल रूल 56(J) के तहत सार्वजनिक हित में कार्यमुक्त कर दिया गया है। इन अफसरों पर भ्रष्टाचार और दूसरे गंभीर आरोप लगे थे। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में टैक्स अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट देने का यह तीसरा चरण है। एक टैक्स अधिकारी ने कहा, 'यह कार्रवाई प्रधानमंत्री के लाल किले से जताई गई उस चिंता के बाद की गई है जिसमें उन्होंने कहा था कि टैक्स ऐडमिनिस्ट्रेशन के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने अपने शक्तियों की दुरुपयोग कर करदाताओं को प्रताड़ित किया होगा। उन्होंने या तो ईमानदार करदाताओं को निशाना बनाया होगा या फिर छोटी-छोटी गलतियों और प्रक्रियागत खामियों पर बड़ी कार्रवाई की होगी।' अधिकारी ने बताया, 'हमने बड़ी संख्या में टैक्स अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देकर बड़ा और कड़ा कदम उठाया और इस तरह का व्यवहार आगे भी सहन नहीं किया जाएगा।' ध्यान रहे कि हाल ही में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के 12 अधिकारियों समेत भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 27 अधिकारियों की छुट्टी कर दी गई थी। उन्हें भी फंडामेंटल रूल्स 56(J) के तहत ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी।
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भ्रष्टाचार का आरोप, 22 अधिकारियों की छुट्टी
Reviewed by Fast True News
on
August 26, 2019
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