सरकार से बातचीत को राजी हुर्रियत: गवर्नर
श्रीनगर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने शनिवार को कहा कि पिछले साल अगस्त से घाटी में हालात बेहतर हुए हैं और सरकार के साथ बातचीत करना चाहती है। राज्यपाल मलिक ने यह भी कहा कि राज्य में आतंकियों की नई भर्ती ना के बराबर है और की घटनाएं भी थम गई हैं। मलिक ने कहा, 'हुर्रियत कॉन्फ्रेंस बातचीत करना नहीं चाहती थी। राम विलास पासवान उनके दरवाजे पर (2016 में) खड़े थे। लेकिन वे लोग बातचीत के लिए तैयार नहीं थे। आज वे बातचीत के लिए राजी हैं और वार्ता करना चाहते हैं।' पढ़ें: 'आतंकियों की भर्ती थमी, पथराव बंद' मलिक ने कहा कि पिछले साल अगस्त में जब से उन्होंने जम्मू-कश्मीर की कमान संभाली है, उसके बाद से हालात में सुधार हुआ है। आतंकवादियों की भर्ती लगभग थम गई है और शुक्रवार को होने वाली पथराव की घटनाएं भी बंद हो गई है। राज्यपाल ने कहा, 'जब कोई युवक मारा जाता है तो हमें अच्छा महसूस नहीं होता।' 'गोली चलाएंगे तो गुलदस्ता नहीं देंगे' गवर्नर मलिक ने आगे कहा, 'लेकिन जब कोई गोली चलाएगा, तब सुरक्षा बल भी जवाबी गोलीबारी करेंगे। वे गुलदस्ता नहीं भेंट करेंगे।' उन्होंने संकेत दिया कि देश में कहीं और बैठ कर कश्मीर के हालात का आकलन करना आसान नहीं है। मलिक ने कहा, 'जब मैं दिल्ली जाता हूं, तब ऐसे कई लोग हैं जो कश्मीरी होने का दावा करते हैं। मैं उनसे पूछता हूं कि वे कश्मीर में कब थे। वे कहते हैं 15 साल पहले।' पढ़ें: उन्होंने कहा, 'हमें नेक इरादों के साथ काम करना चाहिए। जिस तरह से युवाओं को गुमराह किया जा रहा है कि वे स्वर्ग की ओर बढ़ेंगे...वास्तव में उनके पास दो स्वर्ग हैं, एक कश्मीर में और दूसरा जो उन्हें बाद में मिलेगा यदि वे एक अच्छे मुस्लिम बने रहेंगे।' 'कश्मीर के हालात का आकलन आसान नहीं' मलिक ने कहा कि मुझे खुशी है कि मीरवाइज उमर फारूक ने ड्रग के खिलाफ बोला है, यह एक बड़ा खतरा है। यह यहां के युवाओं में फैल रही है। जम्मू में स्थिति खराब है, पंजाब इस कारण नष्ट हो रहा है। उन्होंने संकेत दिया कि देश में कहीं और बैठ कर कश्मीर के हालात का आकलन करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, 'लेकिन कश्मीर 15 दिन में बदल जाता है, आप कुछ नहीं जानते। यदि आप कश्मीर को जानना चाहते हैं तो वहां रहिए और उसे देखिये।' उन्होंने कहा कि जब वह राज्य में आए तब उन्होंने फैसला किया कि वह सिर्फ बुद्धिजीवियों की नहीं सुनेंगे। मलिक ने कहा, 'मैं करीब 200 लोगों के संपर्क में हूं और मैं उनसे समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त करता हूं।' मीरवाइज नजरबंद उधर, मीरवाइज उमर फारूक को शनिवार को श्रीनगर स्थित उनके ही घर में नजरबंद कर दिया गया। मीरवाइज के नेतृत्व वाले हुर्रियत के एक प्रवक्ता ने कहा कि शहर के बाहरी इलाके में मीरवाइज उमर फारूक के निवास पर एक पुलिस दल पहुंचा और उन्हें सूचित किया कि अब वह अपने घर से बाहर नहीं जा सकते हैं। राज्यपाल ने इस दौरान कहा कि कश्मीर के 22 हजार छात्र राज्य के बाहर पढ़ाई करते हैं। हमने किसी भी तरह की समस्या के लिए संपर्क अधिकारी नियुक्त किए हैं, जिससे छात्रों को पुलिस स्टेशन ना जाना पड़े। 'कश्मीर में मल्टीप्लेक्स खोलने की कोशिश जारी'राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि घाटी में एक मल्टीप्लेक्स खोलने की कोशिशें जारी हैं। मलिक ने कश्मीर में दूरदर्शन के मुफ्त डिश टीवी के शुभारंभ कार्यक्रम में कहा, ‘मुझे अफसोस है कि कश्मीर में शाम छह बजे के बाद करने के लिए कुछ नहीं है। सिनेमा घरों को बंद हुए दशकों हो गए हैं। ऐसी कोई जगह नहीं है जहां आप जा सकते हैं।’ कश्मीर में सिनेमा हॉल 1989 में आतंकवादी संगठनों ने बंद करा दिया था। (टाइम्स ऑफ इंडिया और भाषा से मिले इनपुट के साथ)
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सरकार से बातचीत को राजी हुर्रियत: गवर्नर
Reviewed by Fast True News
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June 22, 2019
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