हाथरस कांड से आहत 50 परिवारों के 236 दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म
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तेजेश चौहान, गाजियाबादहाथरस कांड को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है। इस बीच वाल्मीकि समाज के लोगों में भी घटना को लेकर काफी नाराजगी है। हाथरस कांड से आहत गाजियाबाद के दलित समुदाय के दो सौ से ज्यादा लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया है। एक हफ्ते पहले साहिबााबाद इलाके के गांव में समाज के लोगों की सभा में धर्म परिवर्तन का फैसला लिया गया। गाजियाबाद के करहेड़ा गांव के इलाके में आसपास की बस्तियों में रहने वाले 50 वाल्मीकि परिवारों के 236 लोगों ने बाबासाहेब आंबेडकर के परपोते राजरत्न आंबेडकर की मौजूदगी में धर्म परिवर्तन करते हुए बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। इन सभी लोगों का कहना है कि उन्हें हर जगह दबाया जा रहा है और न्याय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका जीता-जागता उदाहरण हाथरस कांड है। इस कांड के बाद वाल्मीकि समाज के लोग बेहद आहत हैं। इसलिए अब धर्म परिवर्तन करने का सभी लोगों ने फैसला लिया है। हाथरस कांड: 50 परिवार के 236 लोगों ने अपनाया बौद्ध धर्म 14 अक्टूबर को करहेड़ा गांव में वाल्मीकि समाज के लोगों की एक सभा हुई थी। इसमें हाथरस कांड को मुद्दा बनाते हुए यह निर्णय लिया गया कि यहां मौजूद वाल्मीकि समाज के लोग बौद्ध धर्म अपनाएंगे। इन लोगों का कहना है कि उन्हें हर क्षेत्र में उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। यही नहीं वाल्मीकि समाज आर्थिक तंगी से भी लगातार जूझता है। गांववालों का आरोप है कि उनकी समस्याओं का भी कोई समाधान नहीं किया जाता है। ऐसे में 50 परिवारों के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया है। इस दौरान उन्हें बौद्ध धर्म की दीक्षा के साथ-साथ एक सर्टिफिकेट भी दिया गया।
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हाथरस कांड से आहत 50 परिवारों के 236 दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म
Reviewed by Fast True News
on
October 21, 2020
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